मंगलवार, 31 मार्च 2009

पाक हंसा , मगर किसपर ?




पाकिस्तानी गृह मंत्री ,भारत पर हँसकर चुटकी ले ही लिए
और भईया
हम सबको ये कह ही दिए
हमने तो चार घंटे में हालात काबू में किए
फिर क्यों
भारत ने चार दिन, यूँ बरबाद कर दिए ?
अपने भावो में मंत्री जी यूँ बहते गए
और आगे- आगे
कुछ यूँ कहते गए!
जैसे ही मैंने घटना के बारे में था जाना!
कर दिया पाकिस्तानी रेंजर्स को तुरत रवाना
नही तो पड़ सकता था हमें, इसका बड़ा खामियाजा उठाना
हाँ- हाँ जी मैंने सही समय पर हालात की नजाकत को जाना
और कर दिया उन्हें उसी और रवाना |
नही चाहिए था, भारत को यूँ वक्त गवाना |
आगे यह दलील भी रख दिए
और
मीडिया के आगे कुछ इस तरह से बक दिए ,
पाक भी आतंकवादी लहर का निशाना बन रहा है |
जो था बनाया जहर
तुम्हारे लिए ,
उसे अब ख़ुद पाक निगल रहा है|
लेकिन मंत्री जी हमें ये तो बताओ
जब श्री लंकाई टीम को पाक में था आना
फिर क्यों पड़ा
लोगो को अपनी जान गवाना
मार्च सत्ताईस को मिला हमें एक और बहाना
क्यों? क्या जरूरी नही था,फिदायीन हमले से
सत्तर और जानो को बचाना ?
वाह- वाह आपने क्या हालात की नजाकत को जाना ?
बहुत खूब आज आपने पाकिस्तानी अखंडता को खूब पहचाना और भारतीय अस्मिता को नाकारा माना ?
अब पाकिस्तान बावले टटू की तरह बिचल रहा है
शायद उसे डर है ,
की वो वर्ल्ड मैप से ,
ताश के पत्तो की तरह फिसल रहा है|
इस तरह कह दिया मंत्री जी ने अपना फसाना !
शायद उनका मन मकसद था मीडिया की सुर्खियों पर छा जाना |
वाह मंत्री जी तुम्हे तो कतई पसंद नही है वक्त गवाना |

11 टिप्‍पणियां:

अजय कुमार झा ने कहा…

bahut khoob andaaje bayan achha hai, swaagat hai likhte rahein, ham padh rahe hain.

नवनीत नीरव ने कहा…

चलिए!देर से ही सही आपकी आवाज तो सुनने को तो मिली.
नवनीत नीरव

Abhi ने कहा…

Hye,
Check this cool link
http://jabhi.blogspot.com

shama ने कहा…

Anek shubhkamnayon sahit swagat hai...!

नीरज मुसाफ़िर ने कहा…

ऋचा जी, स्वागत है आपका ब्लॉग जगत में.

'' अन्योनास्ति " { ANYONAASTI } / :: कबीरा :: ने कहा…

इस प्रकार के प्रायोजित स्टंट- कार्यक्रम इसी प्रकार के होते है ,सीमित समय में निपटाने होते है अगर ज्यादा लम्बे खींचे जायेंगे तो इनके प्रायोजित होने {नकली होने का पता चल जायेगा ] | नाटक का मंच भी सार्वजानिक आबादी वाला न रख कर पुलिस ट्रेनिग सेण्टर रखा गया | जिस से जनसामान्य मुट्ठ-भेड़ की असलियत न जान सके और सबसे बड़ी बात जहाँ पर " विदेशी नागरिक " तो कतई न हों | कृपया वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें तो टिप्पणी देना आसान होगा

Deepak "बेदिल" ने कहा…

आज इस कदर हेरान हुआ हूँ यहाँ आकर
जेसे खुश होते है बुडे मोत पाकर
जब यहाँ आना ही छोड़ दिया था हमने
तुम भी रोए थे कही तनहा जाकर..बेदिल.ss

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) ने कहा…

अरे वाह......गज़ब......आपने तो जैसे पाकिस्तान की बोलती जैसे आज बंद कर दी....मेरी तो होनी ही ठहरी....बहुद उम्दा और अच्छी रचना...!!

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

बहुत ही सुन्दर रचना!
आप का ब्लाग बहुत अच्छा लगा।
मैं अपने तीनों ब्लाग पर हर रविवार को
ग़ज़ल,गीत डालता हूँ,जरूर देखें।मुझे पूरा यकीन
है कि आप को ये पसंद आयेंगे।

मोहन वशिष्‍ठ ने कहा…

ब्लोगिंग जगत में स्वागत है
लगातार लिखते रहने के लि‌ए शुभकामना‌एं

बहुत ही सुंदर आगाज किया है आपने बेहतरीन

बेनामी ने कहा…

Bada accha likhti hain