शुक्रवार, 1 मई 2009

क्यों आज मैंने देखा ?



आज
मैंने
अपने अन्दर
झाँक कर देखा !
एक आदर्श मानवता को
भय से कांपते देखा
जो था बहार वैसा मैं अपने भीतर न था
ऐसा मैंने ख़ुद को ख़ुद से आंक के देखा !

मैंने पुछा अपने मैं से
बतला दो भय तुमको किसका
उसने कहा मुझे जो भय है
तेरे सिवा और हो सके है किसका

आगे उसने यूँ कुछ बोला
अपना था ,हर भेद भी खोला
उसने है मुझे जब जब पुकारा
मैंने था उसको धुतकारा
उसने मुझे पल पल समझाया
लेकिन उसे मैं समझ ना पाया
उसने कहा यह काम ग़लत है
मैंने कहा ये वीरम ग़लत है
उसने हर अन्धकार में मेरे रोशनी के थे दिए जलाए
मैं था पागल मंदबुधि प्राणी
समझ न पाया अपने मैं की वाणी

आज मुझे जब होश है आया
हर भय
दुःख
तकलीफ से मैंने पलभर में ही पार है पाया

पछतावा है मुझको अब ये
इतने दिन बाद क्यों देखा ?

इससे पहले, क्यों नही मैंने अपने अन्दर ऐसे झाँक के देखा ???

मंगलवार, 31 मार्च 2009

पाक हंसा , मगर किसपर ?




पाकिस्तानी गृह मंत्री ,भारत पर हँसकर चुटकी ले ही लिए
और भईया
हम सबको ये कह ही दिए
हमने तो चार घंटे में हालात काबू में किए
फिर क्यों
भारत ने चार दिन, यूँ बरबाद कर दिए ?
अपने भावो में मंत्री जी यूँ बहते गए
और आगे- आगे
कुछ यूँ कहते गए!
जैसे ही मैंने घटना के बारे में था जाना!
कर दिया पाकिस्तानी रेंजर्स को तुरत रवाना
नही तो पड़ सकता था हमें, इसका बड़ा खामियाजा उठाना
हाँ- हाँ जी मैंने सही समय पर हालात की नजाकत को जाना
और कर दिया उन्हें उसी और रवाना |
नही चाहिए था, भारत को यूँ वक्त गवाना |
आगे यह दलील भी रख दिए
और
मीडिया के आगे कुछ इस तरह से बक दिए ,
पाक भी आतंकवादी लहर का निशाना बन रहा है |
जो था बनाया जहर
तुम्हारे लिए ,
उसे अब ख़ुद पाक निगल रहा है|
लेकिन मंत्री जी हमें ये तो बताओ
जब श्री लंकाई टीम को पाक में था आना
फिर क्यों पड़ा
लोगो को अपनी जान गवाना
मार्च सत्ताईस को मिला हमें एक और बहाना
क्यों? क्या जरूरी नही था,फिदायीन हमले से
सत्तर और जानो को बचाना ?
वाह- वाह आपने क्या हालात की नजाकत को जाना ?
बहुत खूब आज आपने पाकिस्तानी अखंडता को खूब पहचाना और भारतीय अस्मिता को नाकारा माना ?
अब पाकिस्तान बावले टटू की तरह बिचल रहा है
शायद उसे डर है ,
की वो वर्ल्ड मैप से ,
ताश के पत्तो की तरह फिसल रहा है|
इस तरह कह दिया मंत्री जी ने अपना फसाना !
शायद उनका मन मकसद था मीडिया की सुर्खियों पर छा जाना |
वाह मंत्री जी तुम्हे तो कतई पसंद नही है वक्त गवाना |